‘शांतता… पुणेकर वाचत आहेत’ उपक्रम 9 दिसंबर को आयोजित
पुणे. पुणे पुस्तक महोत्सव 2025 के अवसर पर आयोजित ‘शांतता… पुणेकर वाचत आहेत’ उपक्रम में पुणेकर बढ़-चढ़कर हिस्सा लें,यह अपील महाराष्ट्र के उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री चंद्रकांत पाटील ने की। वे सावित्रीबाई फुले पुणे विश्वविद्यालय में आयोजित विश्वविद्यालयों के कुलगुरुओं, संस्थाचालकों और प्राचार्यों की बैठक को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर विश्वविद्यालय प्रबंधन परिषद के सदस्य रवि शिंगणापूरकर, प्राचार्य डॉ. नितीन घोरपडे, देविदास वायदंडे, ज्योत्स्ना एकबोटे, प्राचार्या डॉ. संगीता जगताप सहित कई मान्यवर उपस्थित थे।बैठक में सभी स्वयं अर्थसहाय्य विश्वविद्यालयों के कुलगुरू और महाविद्यालयों के प्राचार्य बड़ी संख्या में शामिल हुए।
महोत्सव का विशेष आकर्षण ‘शांतता… पुणेकर वाचत आहेत’ यह अनोखी पहल है, जो 9 दिसंबर 2025 को आयोजित की जाएगी। इस दिन सुबह 11 बजे से दोपहर 12 बजे तक पूरे पुणे शहर में एक घंटे का सामूहिक वाचन होगा। पाटील ने पुणेकरों से इस अनूठे उपक्रम में बड़ी संख्या में भाग लेने की अपील की है
स वर्ष के पुस्तक महोत्सव में सांस्कृतिक कार्यक्रम, बच्चों के लिए चिल्ड्रन कॉर्नर, लिटरेचर फेस्टिवल, विभिन्न प्रकाशनों के पुस्तक स्टॉल और फूड फेस्टिवल जैसे अनेक उपक्रम शामिल किए गए हैं।
।छात्रों के लिए प्रेरणादायक घोषणा करते हुए पाटील ने बताया कि वे स्वयं हजारों पुस्तक-वाउचर वितरित करेंगे। हर महाविद्यालय और हर विद्यार्थी को ये वाउचर दिए जाएंगे, ताकि उन्हें पुस्तकें खरीदने के लिए प्रोत्साहन मिले। उन्होंने कहा कि इस पहल से शहर में वाचन संस्कृति को एक नई दिशा और गति मिलेगी। महोत्सव के प्रमुख संयोजक राजेश पांडे ने कार्यक्रम की विस्तृत जानकारी दी। राष्ट्रीय पुस्तक न्यास के संचालक युवराज मलिक ने पुणे की प्रशंसा करते हुए कहा कि “पुणे को सिर्फ ‘ऑक्सफर्ड ऑफ द ईस्ट’ नहीं बल्कि ‘पश्चिम का नालंदा’ कहा जाना चाहिए।”
सावित्रीबाई फुले पुणे विश्वविद्यालय के कुलगुरू ने सभी मान्यवरों का स्वागत कर आभार व्यक्त किया।
महाराष्ट्र राज्य के संचालक शैलेंद्र देवळाणकर ने विश्वविद्यालयों, महाविद्यालयों, युवाओं और विद्यार्थियों से बड़ी संख्या में इस वाचन उपक्रम में भाग लेने की अपील की। उन्होंने बताया कि महोत्सव में उच्च शिक्षा विभाग का स्टॉल भी लगाया जाएगा।कार्यक्रम का संचालन डॉ. संजय चाकणे ने किया, जबकि रजिस्ट्रार डॉ. ज्योती भाकरे और प्र-कुलगुरू डॉ. पराग काळकर भी उपस्थित रहे।


