पुणे में फिर से गैंगवार का तांडव ,कोंढवा में गणेश काले की दिनदहाड़े हत्या

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आंदेकर–कोमकर गैंग की पुरानी रंजिश का खूनी अंजाम

पुणे. पुणे शहर में एक बार फिर से गैंगवार का तांडव कोंढवा परिसर में देखने को मिला, जहा दिनदहाड़े
६ गोलियां चलकर हत्या करने का मामला सामने आया है , इस घटना के बाद पुरे इलाके में दहशत का माहौल है।यहाँ घटना आज दोपहर को हुई
इस ताबड़तोड़ फायरिंग और धारदार हथियारों से हमले में समीर काले के छोटे भाई गणेश काले (30) की हत्या कर दी गई। घटनास्थल पर छह राउंड फायरिंग की गई,
अधिक जानकारी के अनुसार आज दोपहर करीब साढ़े तीन बजे गणेश काले अपने रिक्शा से कोंढवा के भाग्यनगर क्षेत्र से गुजर रहा था। तभी दो बाइक पर सवार चार हमलावरों ने उस पर लगातार छह राउंड फायरिंग की। गोली लगते ही गणेश ज़मीन पर गिर पड़ा। इसके बाद हमलावरों ने कोयते से वार कर उसकी मौके पर ही हत्या कर दी और फरार हो गए।

घटना इतनी तेज और योजनाबद्ध थी कि स्थानीय लोग कुछ समझ पाते, तब तक आरोपी वहां से निकल चुके थे। सूचना मिलते ही कोंढवा पुलिस, क्राइम ब्रांच और झोन 5 के वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंचे। शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया है और आसपास के CCTV फुटेज खंगाले जा रहे हैं।

आंदेकर–कोमकर गैंग की दुश्मनी का नया अध्याय:
गणेश काले का नाम पुणे के अंडरवर्ल्ड से जुड़ा रहा है। वह सोमा गायकवाड गैंग से जुड़ा बताया जाता है, जबकि उसका भाई समीर काले वनराज आंदेकर हत्याकांड में जेल में बंद है।
2024 में आंदेकर गैंग के सरगना वनराज आंदेकर की हत्या के बाद से ही काले–गायकवाड और आंदेकर–कोमकर गैंग के बीच खूनी दुश्मनी चल रही थी। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, गणेश की हत्या उसी पुरानी रंजिश का परिणाम है।

पुलिस जांच में जुटी:
मौके से छह खोखे बरामद किए गए हैं और दो संदिग्ध बाइकों की पहचान की गई है। क्राइम ब्रांच, युनिट 5 और सायबर सेल को जांच में लगाया गया है।
एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, “हम हर एंगल से जांच कर रहे हैं — पुराना वैर, गैंग के भीतर फूट और नए आपराधिक गठजोड़ की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता।”

शहर में दहशत का माहौल:
इस हत्याकांड ने पुणे की कानून-व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। नागरिकों में भय का वातावरण है और लोग ‘मुलशी पॅटर्न’ व ‘दगडी चाल’ जैसी फिल्मों के दृश्यों से तुलना कर रहे हैं।

गणेश काले की हत्या ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि पुणे का अंडरवर्ल्ड अभी भी सुलग रहा है। आंदेकर–कोमकर गैंगवार का यह प्रतिशोधी अध्याय अब और भी गहरा होता दिख रहा है।

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